बंद करे

पशुपालन

पशुपालन विभाग का उद्देश्य जिले में पशुधन बढ़ाने एवं दुग्ध उत्पादन में आवश्यक वृद्धि करना है। लघु/सीमांत एवं भूमिहीन मजदूर राज्य शासन की योजनाओं का लाभ लेकर पशुपालन कर सके एवं उनके पशुपालन से जिले के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की जा सके।

मुख्य योजनायें :-

  1. नन्दी शाला योजना (अनुदान पर प्रजनन योग्य देशी वर्णित गौसांड का प्रदाय)
  2. समुन्नत पशु प्रजनन योजना (अनुदान पर प्रजनन योग्य पेडीग्रिड मुर्रा सांड का प्रदाय योजना सभी वर्ग के लिए)
  3. बैंक ऋण एवं अनुदान पर (10+1) बकरी इकाई का प्रदाय (योजना सभी वर्ग के लिए)
  4. अनुदान के आधार पर नर बकरा प्रदाय योजना
  5. अनुदान के आधार पर वराह (नर सूकर) प्रदाय (योजना केवल अनुसूचित जाति के हितग्राहियों के लिए)
  6. अनुदान के आधार पर वराह त्रयी (सूकर त्रयी) का प्रदाय (योजना केवल अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के लिए)
  7. अनुदान पर कुक्कुट इकाई का प्रदाय बिना लिंग भेद के 28 दिवसीय 40 रंगीन चूजों की बैकयार्ड इकाई (योजना केवल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए)
  8. अनुदान के आधार पर वराह त्रयी (सूकर त्रयी) का प्रदाय (योजना केवल अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के लिए)
  9. अनुदान पर कडकनाथ चूजे का प्रदाय (योजना केवल अनुसूचित जन जाति केे लिए)
  10. वत्स पालन प्रोत्साहन योजना
  11. गौसेवक प्रशिक्षण (प्रारंभिक एवं रिफ्रेशर)
  12. गोपाल पुरस्कार योजना (यह योजना सभी वर्ग के लिए)
  13. पशुधन बीमा योजना
  14. मैत्री योजना
  15. ग्रामीण बैकयार्ड कुक्कुट विकास
संस्थायें
संस्था का नाम संख्या
पशु चिकित्सालय 17
पशु औषधालय 16
कृत्रिम गर्भाधान केंद्र 2
कृत्रिम गर्भाधान उप-केंद्र 23
कुल 58
संपर्क
क्र. जिला नाम एवं पदनाम कार्यालाय का दूरभाष मोबाईल नं.
1. नीमच डाॅ. के. के. शर्मा, उपसंचालक 07423-230248 9425106739

अधिक जानकारी के लिए http://www.mpdah.gov.in का सन्दर्भ लें।