जिले में म.प्र.राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का प्रारंभ अगस्त 2018 से ग्रामीण निर्धन परिवारों की महिलाओं के सशक्त समूह बनाये जाकर उनका संस्थागत विकास तथा आजीविका के संवहनीय अवसर उपलब्ध कराने हेतु हुआ है।
- जिले की 243 ग्राम पंचायतों के 607 ग्रामों में अब तक 3794 स्व-सहायता समूहों का गठन कर, उनमें 44809 महिलाओं को समूहों से जोडा गया है।
- जिले में स्व-सहायता समूहों की भागीदारी से अब तक 300 ग्रामों में ग्राम संगठनों एवं 15 संकुल स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है।
- जिले में अब तक 2268 समूहों को 25 लाख राशि चक्रीय निधि (रिवाल्विंग फंड), 1074 समूहों को 847.50 लाख राशि सामुदायिक निवेश निधि (सी.आई.एफ.), 308 समूहों के लिये 64 ग्राम संगठनों को 49.05 लाख राशि आपदा कोष (वी.आर.एफ.), एवं 1884 समूहों को 3680.14 लाख राशि बैंक लिंकेज के माध्यम से गरीब परिवारों की छोटी-बडी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति की गई।
- ग्रामीण युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार हेतु 1931 युवाओं को आरसेटी एवं 450 युवाओं को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना अंतर्गत चयनित संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण प्रदान कर जोडा गया एवं 1695 युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से रोजगार प्रदान किये गये।
- सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति (सीआरपी) – समूह की अवधारणा के प्रचार-प्रसार, समूह के दस्तावेज संधारण, समूह बैठकों का आयोजन, संचालन एवं क्षमता निर्माण, बैंक संयोजन, समूहों की आय अर्जन गतिविधियों में सहयोग आदि कार्यो के लिये जिले में अब तक 458 से अधिक सीआरपीयो का सहयोग लिया जा रहा है।
- आजीविका गतिविधियां- जिले में 15572 परिवारों द्वारा कृषि आधारित एवं 5616 परिवारों द्वारा गैर कृषि आधारित आजीविका गतिविधियों का इस प्रकार जिले में कुल 21188 समूह सदस्यों द्वारा आजीविका गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
- जिले में 12568 समूह सदस्य लखपति क्लब में शामील हो चुके है।
- जिले में 134 समूहों की 559 महिलाओं द्वारा निरन्तर गणवेश सिलाई का कार्य किया जा रहा है।
- शासन की अन्य योजनाओं से समन्वयन कर जिले में 3 समूहों द्वारा नर्सरी स्थापित की गयी, 3 समूहों द्वारा गोशाला संचालित की जा रही है। जिले में 1 दीदी केफे का संचालन किया जा रहा है।
- जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना अंतर्गत 2395 हितग्रहीयों को राशि रुपये 2,39,50,000/-रुपये ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है।