प्रकृति की गोद में केदारेश्वर
रामपुरा और बेसला के बीच स्थित अमरपुरा गाँव से सात किलोमीटर दूर प्रकृति की गोद में स्थित एक शिव मन्दिर जो अंचल में केदारेश्वर के नाम से विख्यात है। इस रमणीय स्थल पर पहुँचने के लिए अमरपुरा गाँव से सालरमाला होकर कच्चे मार्ग से पहुँचा जा सकता है। कहने को तो यह कच्चा मार्ग है पर वर्षा ऋतु में भी यहाँ वाहन आसानी से आ सकते है। प्रकृति की सुरम्यवादियों में स्थित यहाँ का वातावरण अतिशान्त एवं शकुन देने वाला है। यहाँ गगन चुम्भी ऊँची पहाड़ियों के नीचे प्राचीन शिवमन्दिर है। यहाँ शिवलिंग पर बारह महीनों जलधारा गिरती है, जो शिवअभिषेक का पर्याय है। यहाँ गणेशजी के अलावा रिद्धि- सिद्धि, दुर्गा एवं हनुमानजी का मन्दिर भी है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने की समुचित व्यवस्था है।। एक जनश्रुति के अनुसार पाण्डव यहाँ अपने अज्ञात वास के दौरान कुछ दिन ठहरे थे। यहाँ पर द्रोपती ने चम्पा का वृक्ष लगाया था। यहाँ होल्कर राज्य की महारानी अहिल्याबाई ने भी शिवअभिषेक किया। लोगों की धारणा है कि यहाँ माँगी गई मुराद पुरी होती है। यहाँ सन्तान होने पर ‘पालने’ भी बाँधे जाते है केदारेश्वर में वानर भी बहुतायद विचरण करते दिखते है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के मन-मस्तिष्क में सदैव केदारेश्वर का मनोहारी दृश्य कायम रहता है।